साई ने देशभर में खेल प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करने के लिए 23 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र और 67 साई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं : अनुराग ठाकुर
1 min readमुख्य बातें :
एनसीओई, एसटीसी और विस्तार केंद्र आदि सहित 189 केंद्र साई की खेल प्रोत्साहन योजनाओं के लिए कार्य कर रहे हैं।
इन केंद्रों में कुल 9025 खिलाड़ियों (5579 लड़के और 3446 लड़कियां) को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
अखिल भारतीय स्तर पर खेलो इंडिया योजना के तहत 2967 खेलो इंडिया खिलाड़ियों (पुरुष: 1494 और लड़कियां: 1473) का चयन किया गया है।
टीओपीएस भारत के शीर्ष खिलाड़ियों को ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की तैयारी में सहायता प्रदान करता है।
वर्तमान में, टीओपीएस के तहत 147 व्यक्तिगत खिलाड़ियों और 2 हॉकी टीमों (पुरुष और महिला) को कोर ग्रुप के रूप में चुना गया है।
‘खेल’ राज्य का विषय होने के चलते युवा
खिलाड़ियों की पहचान करने व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में
उनकी उत्कृष्टता के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने सहित खेलों को बढ़ावा देने
की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। हालांकि,
भारत सरकार अपनी विभिन्न खेल प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए राज्य सरकारों और
राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के प्रयासों में सहायता करती है।
भारतीय
खेल प्राधिकरण (साई), युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त
निकाय है। यह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने व उन्हें राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने को लेकर
प्रशिक्षित करने के लिए देशभर में निम्नलिखित खेल प्रोत्साहन योजनाओं को
लागू कर रहा है:
- राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई)
- साई प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी)
- एसटीसी का विस्तार केंद्र
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता (एनएसटीसी)
(इसकी उप-योजनाएं – नियमित विद्यालय, स्वदेशी खेल और मार्शल आर्ट (आईजीएमए) और अखाड़े)
इसके
अनुसार, साई ने देशभर में उपरोक्त खेल प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करने के
लिए 23 एनसीओई और 67 एसटीसी की स्थापना की है। साई की उपरोक्त खेल
प्रोत्साहन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एनसीओई, एसटीसी और विस्तार
केंद्र आदि सहित कुल 189 केंद्र कार्यरत हैं। इन केंद्रों में कुल 9025
खिलाड़ी (5579 लड़के और 3446 लड़कियां) को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टीओपीएस) के तहत भारत सरकार ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की तैयारी कर रहे भारत के शीर्ष खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करती है। मंत्रालय
की सामान्य योजनाओं के तहत अन्य सहायता उपलब्ध नहीं होने पर चयनित
खिलाड़ियों को अनुकूलित प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय खेल विकास कोष
(एनएसडीएफ) से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कोर ग्रुप खिलाड़ियों को आउट ऑफ पॉकेट अलाउंस (ओपीए) 50,000/- रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता है। ओपीए के अलावा, खिलाड़ी द्वारा पेश प्रशिक्षण योजना के पूरे खर्च को टीओपीएस के तहत प्रदान किया जाता है। मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) इस खर्च पर विचार और इसका अनुमोदन करती है। वर्तमान में, इस योजना के तहत कोर ग्रुप के रूप में 147 व्यक्तिगत खिलाड़ियों और 2 हॉकी टीमों (पुरुष और महिला) का चयन किया गया है। इसके
अलावा, विकास समूह के तहत भारत की ओलंपिक तैयारी में एक केंद्रित
दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए 12 खेल प्रतिस्पद्धाओं के लिए 258
सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभाओं की प्रतिभा पहचान को पूरा किया गया है। टीओपीएस
विकास समूह के खिलाड़ी को 25,000 रुपये का ओपीए और राष्ट्रीय उत्कृष्टता
केंद्र (एनसीओई) में अनुकूलित प्रशिक्षण सहायता मिल रही है।
उपरोक्त
के अतिरिक्त, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर उच्चतम स्तर की उपलब्धि
प्राप्त करने के लिए प्रतिभा की पहचान व खेल प्रतिभा को प्रशिक्षित करने के
लिए 2017 में खेलो इंडिया योजना शुरू की है। यह योजना अखिल भारतीय यानी
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करती है।
वर्तमान में, अखिल भारतीय स्तर पर खेलो इंडिया योजना के तहत 2967 (पुरुष: 1494 और लड़कियां: 1473) खेलो इंडिया खिलाड़ियों का चयन किया गया है। जनवरी, 2021 से अब तक टीओपीएस, खेलो इंडिया और साई योजनाओं के तहत चयनित खिलाड़ियों का विवरण निम्नलिखित है:
टीओपीएस खिलाड़ी | खेलो इंडिया खिलाड़ी | साई योजना खिलाड़ी |
54 | 22 | 153 |
यह जानकारी लोक सभा में आज युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।