तंबाकू हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का होने का बड़ा खतरा…डॉ. तिवारी
1 min readएमसीबी/31 मई 2024/ कलेक्टर श्री डी. राहुल वेंकट के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार तिवारी के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मादक पदार्थाे का उपयोग नहीं करने के सम्बन्ध मे अधिकारी एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाया गया।
इस दौरान डॉ. तिवारी ने तम्बाकू का सेवन और स्वास्थ्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तम्बाकू का सेवन या तो धूम्रपान के रूप में या धूम्रपान रहित रूप में इस्तेमालल किया जाता है। तम्बाकू का उपयोग धूम्रपान बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का आदि के रूप में किया जाता है। धूम्रपान रहित तम्बाकू के सेवन का मुख्य स्रोत तम्बाकू को चबा कर या सूंघ कर किया जाता है। भारत में धूम्रपान रहित तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण है। तम्बाकू का धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस कैंसर और वातस्फीति रोगों का एक प्रमुख कारण है। तम्बाकू के धूम्रपान से श्वसन संकट, गैस्ट्रिक अल्सर और गर्भावस्था संबंधी जटिलताएँ भी होती हैं। गर्भावस्था पर धूम्रपान के प्रतिकूल प्रभाव जन्म के समय कम वजन से लेकर सहज गर्भपात, समय से पहले जन्म, मृत जन्म और नवजात मृत्यु की घटनाओं में वृद्धि होती हैं। तम्बाकू का धूम्रपान न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ पैदा करता है, बल्कि आस-पास के व्यक्ति को भी प्रभावित करता है। आसपास के लोग जिन्हें आम तौर पर गैर-धूम्रपान करने वाला भी कहा जाता है, उन्हें हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का होने का बड़ा खतरा है।
समाचार क्रमांक/226/लोकेश/फोटो/01 से 03