अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश में रामपुर के बिलासपुर में ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन किया
1 min readनई दिल्ली / रामपुर : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज उत्तर प्रदेश में रामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलासपुर में चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन किया। यह संयंत्र रेडिको खेतान द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किए जा रहे छह चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों में से एक है।
इस अवसर पर श्री नकवी ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों और आह्वान के परिणाम सामने आए हैं और “पीएम-केयर्स” फंड से देश भर में 1500 से अधिक चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 20 क्यूबिक मीटर चिकित्सा ऑक्सीजन प्रति घंटे उत्पादन की क्षमता वाले इन छह चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों को रैडिको खेतान द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों बिलासपुर (रामपुर), बिल्हौर (कानपुर), भगवंतपुर (प्रयागराज), महोबा (महोबा), मंझनपुर (कौशाम्बी) और मानिकपुर (चित्रकूट) में स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा बेहतर सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध करवा कर तथा समाज द्वारा एहतियात और आत्म-संयम अपना कर देश को कोरोना महामारी से मुक्त किया जा सकता है।
श्री नकवी ने कहा कि लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत उन देशों की तुलना में कोरोना महामारी से मजबूती से मुकाबला करने में सफल रहा है जिनके पास पहले से ही बेहतर स्वास्थ्य संसाधन थे।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि जब 2020 में भारत में कोरोना की पहली लहर आई थे तो उस समय देश में इस महामारी से निपटने के लिए संसाधनों की कमी थी। लेकिन कोरोना महामारी के शुरू होने के एक साल के भीतर ही भारत वेंटिलेटर, दवाएं, पीपीई किट, एन-95 मास्क, कोरोना वायरस के लिए जांच प्रयोगशालाएं, आईसीयू बेड, कोरोना समर्पित अस्पताल, मेडिकल ऑक्सीजन आदि में आत्मनिर्भर हो गया है। जनवरी 2020 से पहले चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन महज 900 मीट्रिक टन प्रति दिन से अब बढ़ाकर 9000 मीट्रिक टन प्रतिदिन से अधिक कर दिया गया है।
श्री नकवी ने कहा कि आज, दो “मेड इन इंडिया” कोरोना टीके उपलब्ध हैं; 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को 40 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं; 80,000 से अधिक कोरोना टीकाकरण केंद्र कार्य कर रहे हैं। देश में 2624 से ज्यादा कोरोना नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशालाएं मौजूद हैं। अब तक 44 करोड़ 20 लाख से ज्यादा कोरोना नमूनों की जांच की जा चुकी हैं; हर दिन औसतन 20 लाख से ज्यादा कोरोना जांच की जा रही हैं।
श्री नकवी ने कहा कि वर्तमान में भारत में प्रतिदिन 10 लाख से अधिक कोरोना जांच किट की स्वदेशी उत्पादन क्षमता उपलब्ध है। 2000 से अधिक समर्पित कोरोना अस्पताल हैं; 4000 से अधिक समर्पित कोरोना स्वास्थ्य केंद्र; लगभग 13,000 कोरोना देखभाल केंद्र मौजूद हैं। लॉकडाउन से पहले लगभग 10,000 की तुलना में कुल आइसोलेशन बेड (ऑक्सीजन के साथ और बिना ऑक्सीजन के) की संख्या को बढ़ाकर लगभग 15 लाख कर दिया गया है। पिछले वर्ष लॉकडाउन से पहले सिर्फ 2000 आईसीयू बेड उपलब्ध थे, जिन्हें बढ़ाकर 85,000 से अधिक कर दिया गया है। देश भर में 20,000 से अधिक आईसीयू बेड जोड़े जा रहे हैं, जिनमें से 20 प्रतिशत बेड, बाल चिकित्सा आईसीयू बेड होंगे। सभी 736 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।
भारत में प्रतिदिन 5 लाख से अधिक स्वदेशी एन-95 मास्क और 5 लाख से अधिक पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है; सालाना 4 लाख से अधिक वेंटिलेटर का उत्पादन किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कोविड सहायता पैकेज के रूप में 23,123 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है।
श्री नकवी ने आगे बताया कि कोरोना की चुनौतियों के दौरान सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए देश भर में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है। इस योजना को जारी रखा गया है और फिर से “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना” के तहत 80 करोड़ लोगों को 5 किलोग्राम / प्रति व्यक्ति निःशुल्क राशन प्रदान किया जा रहा है। लगभग 8 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए हैं; 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में 1500 रुपये भेजे गए हैं। समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का “आत्मनिर्भर भारत” पैकेज दिया गया है; 10 करोड़ से अधिक किसानों को “किसान सम्मान निधि” योजना का लाभ प्रदान किया गया है।