कचरा प्रबंधन कर गांव को स्वच्छ बना रही स्वसहायता समूह की महिलाएं ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ जैविक खाद भी बना रहा समूह
1 min readठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ जैविक खाद भी बना रहा समूह
रायपुर. 18 सितम्बर 2024. बिलासपुर जिले के बिल्हा विकासखंड के ग्राम डोड़की में स्वसहायता समूह की महिलाएं कचरा प्रबंधन कर अपने आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखने का कार्य कर रही हैं। कचरा प्रबंधन से जैविक खाद बनाने में समूह की दीदियां अहम भूमिका निभा रही हैं। शासन द्वारा दिए जा रहे सहयोग से समूह की महिलाओं के जीवन में आर्थिक सुधार आया है और वे अपने परिवार की जिम्मेदारियों में बखूबी अपना योगदान दे रही हैं।
ग्राम पंचायत केवांछी के आश्रित ग्राम डोड़की के जय मां अम्बे समूह की महिलाओं ने बताया कि गांव में मनरेगा के तहत एसएलडब्लयूएम शेड, नाफेड एवं वर्मी टैंक का निर्माण किया गया है। इन कार्यों के लिए मनरेगा से दस लाख 29 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे। शेड के माध्यम से ठोस एवं तरल अपशिष्ट के रूप में निकलने वाले कचरे का प्रबंधन किया जा रहा है। समूह की महिलाएं अपने तिपहिया वाहन में घर-घर घूमकर कचरा एकत्र कर शेड में लाकर इन कचरों से खाद बना रही हैं।
डोड़की के रहवासियों ने बताया कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन शेड के निर्माण से गांव में अस्वच्छता संबंधी समस्याओं का निदान हुआ है। गांव में अब स्वच्छता का माहौल बना रहता है। महिलाओं द्वारा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य रोज किया जा रहा है। गांव में हर परिवार को नीले एवं हरे रंग का डस्ट-बिन दिया गया है। कचरा संग्रहण के लिए तिपहिया वाहन खरीदे गए हैं। जय मां अम्बे समूह ने गांव को रोगमुक्त रखने का भी बीड़ा उठाया है। समूह की महिलाएं जन-चौपाल लगाकर गांववालों को मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक जानकारियां भी दे रही हैं। कचरा प्रबंधन, अपशिष्ट से तैयार जैविक खाद और ठोस कचरे के रूप में प्राप्त प्लास्टिक की बिक्री से समूह को सालाना 30 हजार से 40 हजार रुपए तक की आमदनी अनुमानित है।
समूह की महिलाओं ने बताया कि वे इस कार्य से बहुत खुश हैं। इससे हो रही आय से उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। गांव में पहले इधर-उधर कचरा फैले होने से गंदगी का वातावरण रहता था और बीमारियों का खतरा बना रहता था। ठोस एवं तरल कचरा खुले में जगह-जगह पड़ा रहता था। लेकिन अब समूह द्वारा कचरे का सही प्रबंधन किया जा रहा है। गांव में पेयजल की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। सरकार की मदद से स्वसहायता समूहों को रोजगार एवं आजीविका का जरिया मिला है। इससे उनकी माली हालत में सुधार आ रहा है।
[18/09, 4:54 pm] +91 99269 55007: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्माणाधीन कार्यों के परीक्षण के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों का छत्तीसगढ़ दौरा
कांकेर, कोंडागांव, कोरिया और सूरजपुर में प्रगतिरत कार्यों का करेंगे परीक्षण, समीक्षकों के मोबाइल नम्बर पर साझा कर सकते हैं शिकायतें
रायपुर. 18 सितम्बर 2024. राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी, नई दिल्ली के निरीक्षण कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्माणाधीन कार्यों में तृतीय स्तर के गुणवत्ता परीक्षण के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वे कांकेर, कोंडागांव, कोरिया और सूरजपुर जिले का दौरा कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन सड़कों का परीक्षण करेंगे। संबंधित जिले के राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क कर प्रगतिरत सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत साझा की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (Chhattisgarh Rural Road Development Agency) के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक श्री नीलमाधब साहू (मोबाइल नम्बर 9437111027) सितम्बर माह में कोरिया और सूरजपुर जिले में सड़कों की गुणवत्ता का परीक्षण करेंगे। वहीं राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक श्री अब्दुल माजिद सबनम (मोबाइल नम्बर 9419130403 और 7006290384) चालू सितम्बर माह में कोंडागांव और कांकेर जिले में सड़कों की गुणवत्ता जांचेंगे।