बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को मनाया जा रहा वजन त्यौहार
1 min read रायपुर, बच्चों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए वजन त्यौहार का आयोजन आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जा रहा है। इस आयोजन का मूल उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना और 1 से 7 अगस्त तक मनाए जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह की जानकारी शिशुवती महिलाओं और उनके परिवार को देना है ताकि शिशु को पर्याप्त पोषण मिल सके और बच्चा सुपोषित हो सके। इस दौरान बच्चे वजन कराने के साथ साथ सेल्फी भी खिचवा रहे हैं।
वज़न त्यौहार की जानकारी देते हुए गुढ़ियारी सेक्टर की सुपरवाइजर रीता चौधरी ने बताया: ’’राज्य शासन के निर्देश पर 1 अगस्त से 13 अगस्त तक वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुढ़ियारी सेक्टर की समस्त 28 आंगनबाड़ियों में वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है । विभाग से मिले कलेंडर के अनुसार प्रत्येक दिन अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। वर्तमान में गुढ़ियारी सेक्टर में 28 आंगनबाड़ी संचालित है जिसमें 0-5 वर्ष तक के 2,250 बच्चों के वज़न लेने का लक्ष्य है । वहीं अब तक 1,110 से अधिक बच्चों का वज़न लिया जा चुका है। 335 धात्री महिलाएं और 307 गर्भवती महिलाएं पंजीकृत है। इनका नियमित रूप से इनका फॉलोअप भी किया जा रहा है।“
इन गतिविधियों का मूल उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर रखना और उनके पोषण के स्तर में सुधार लाना है। आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाली गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को बच्चों को स्वस्थ रखने के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही स्तनपान को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है । शिशु के संपूर्ण विकास के लिए 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए। बच्चों को स्तनपान की बजाय बोतल का दूध पिलाना सही नहीं है। क्योंकि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत होता है। शिशु के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास और रोगों से लड़ने की ताकत शिशु को मां का दूध ही देता है। इसलिए जन्म के छह माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
रीता चौधरी ने आगे बताया: “आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है । विशेष रूप से ऐसी महिलाओं को तिरंगा थाली जिसमें तीन प्रकार की भोजन सामग्री हो, साथ ही बेहतर पोषण बच्चे को कैसे मिलेगा और केंद्र से दिए जाने वाला पोषण आहार भी उनको दिया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका द्वारा गृह भेंट के माध्यम से स्वस्थ माता और स्वस्थ शिशु के बारे में भी बताया जाता है ।“