भाजपा के पास भूपेश बघेल के कद का नेता नही, 4 साल में चार अध्यक्ष बदले
भाजपा में चेहरा बदला लेकिन चरित्र वही है छत्तीसगढ़ विरोधी
रायपुर/10 अगस्त 2022। भाजपा में चल रहे बदलाव पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनजंय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता उनकी सरकार की योजनाओं के सामने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सारे नेता बौने साबित हो गये है। भाजपा नेतृत्व को समझ ही नही आ रहा किसे आगे करे इसीलिये भाजपा ने साढ़े तीन साल में चार अध्यक्ष बदल लिया 2018 में धर्मलाल कौशिक के अध्यक्ष रहते भाजपा विधानसभा चुनाव हार गयी। उसके बाद विक्रम उसेंडी अध्यक्ष बनाये गये उनके नेतृत्व में चित्रकोट, दंतेवाड़ा उपचुनाव, निकाय चुनाव हारने के बाद नया अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बनाया गया उनके नेतृत्व को भी जनता ने नकार दिया दो उपचुनाव मारवाही, खैरागढ़ पंचायत और नगरी निकाय के दूसरे चरण में भाजपा बुरी तरह हार गयी अब अरूण साव को आगे लेकर आये है। उनके नेतृत्व में भाजपा 2023 का विधानसभा चुनाव हारने की तैयारी है। भाजपा के पास कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नही है इसलिये वह नेतृत्व बदलकर खुद में जान फूंकने की नाकाम कोशिश में लगी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहा से होय भाजपा संगठन में बदलाव फिजूल की कवायद है भाजपा छत्तीसगढ़ में जनता के साथ अपने कार्यकर्ताओं का भी भरोसा खो चुकी है, भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता मानते है कि 15 साल के भ्रष्टाचार कुशासन के कारण जनता के बीच जाने से वे हिचकते है। जो लोग 15 सालों तक भ्रष्टाचार करके भाजपा के पतन के कारण बने हुये थे वे लोग अभी भी खडाऊं पद्वति से भाजपा पर कब्जा जमाये बैठे है। भाजपा ने नेतृत्व संगठक का चेहरा बदलकर अपने दल के 15 साल के कुशासन से जनता का ध्यान हटाना चाहते है लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता अपने शोषण के लिये पूरी भाजपा को जिम्मेदार मानती है इसलिये भाजपा का बदलाव फिजूल की कवायद साबित होगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनजंय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को यह बात समझ में आनी चाहिए कि पूर्व रमन सरकार के दौरान कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का काला खेल खेला गया, रमन सिंह के चाटुकार चंद अधिकारियों के प्रशासनिक आतंक से पूरा प्रदेश डरा सहमा था किसानों पर अत्याचार हुआ किसानों के साथ वादाखिलाफी हुई युवाओं के रोजगार को बेचा गया छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार को दबाया गया छत्तीसगढियो से जिस प्रकार से उपेक्षा हुई। छत्तीसगढ़ उस 15 साल के काला अध्याय को कभी भी भुल नहीं सकती है और इसके लिए पूरा भाजपा जिम्मेदार है ।