मोदी बतायें गरीबों के हित की योजनायें रेवड़ी है या उद्योगपतियों का कर्जमाफी-कांग्रेस
1 min readमोदी बतायें देश में चलने वाली कौन सी योजनायें रेवड़ी है?
रायपुर/13 अगस्त 2022। देश में चल रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विशेष कर गरीब वर्ग के उत्थान के लिये चलाई जा रही योजनाओं को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रेवड़ी बताया जाना भाजपा और मोदी की सामंती सोच को प्रदर्शित करता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश के वंचित और गरीब वर्ग के लोगों के लिये योजनायें चलाना हर लोकतांत्रिक सरकार का कर्तव्य है। इन योजनाओं से लाभान्वित होना जनता का अधिकार है। यह कोई खैरात नहीं जनता को यह सुविधा कोई राजनेता अपने निजी संसाधनों से नहीं उपलब्ध करवाता यह सुविधा जनता को जनता के द्वारा दिये जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों से सरकार देती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी बतायें कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली कौन सी योजना को वे रेवड़ी मानते है? क्या किसानों से समर्थन मूल्य में उपज की खरीदी को भाजपा और मोदी रेवड़ी मानते है? क्या किसानों को सस्ते दर में उर्वरक उपलब्ध करवाने को मोदी रेवड़ी मानते है? देश में 12 करोड़ बच्चों को मिड-डे-मील मिलने को मोदी रेवड़ी मानते है? कोरोना आपदा के दौरान राइट टू फूड सिक्यूरिटी बिल के तहत अनाज उपलब्ध करवाने को मोदी रेवड़ी मानते है? गरीब बच्चों के लिये शिक्षा के अधिकार आर.टी.ई. के तहत मुफ्त शिक्षा योजना को मोदी रेवड़ी मानते है? मनरेगा में गरीबों को 100 दिन काम की गारंटी को मोदी रेवड़ी मानते है? गरीबों को मकान में सब्सिडी देने को मोदी रेवड़ी मानते है? निराश्रित विधवा पेंशन को मोदी रेवड़ी मानते है? देश की जनता जानना चाहती है कौन सी योजना भाजपा और मोदी की निगाह में रेवड़ी है, जिसे बंद करने के पक्षधर मोदी है। गरीबों को मुफ्त इलाज देना भी मोदी रेवड़ी ही मानते है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश भर के उद्योगपतियों, पूंजीपतियों के (7,27,000) साल लाख सताईस हजार करोड़ के कर्ज को बट्टे खाते में डालने को भी मोदी रेवड़ी मानते है या नहीं? 2019 देश में कार्पोरेट टैक्स में कटौती के कारण केंद्र के खाते में (1,45,000) एक लाख पैतालिस हजार करोड़ का नुकसान हुआ क्या मोदी इस छूट को भी रेवड़ी मानते है अथवा नहीं? चंद पूंजीपतियों के हितों में योजनायें बनाकर हजारों करोड़ का फायदा पहुंचाने को रेवड़ी माना जाये अथवा देश में रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य सुविधा के लिये सरकार के द्वारा बनायी जानी वाली योजना कैसे रेवड़ी हो गयी? भाजपा मोदी की निगाह में सरकारी संसाधनों पर क्या सिर्फ पूंजीपतियों और सत्ताधीशों का अधिकार है? यदि जनहित की योजनायें प्रधानमंत्री की निगाह में रेवड़ी और घाटे का सौदा है तो प्रधानमंत्री सरकार नहीं व्यापार करना चाहते है। आखिर उन्होंने खुद माना था उनके खून में व्यापार है। भाजपा इसका जवाब दें।