मोदी राज में बेलगाम मंहगाई के खिलाफ दिल्ली में 4 सितम्बर को महा आंदोलन होगा -मोहन मरकाम
1 min readछत्तीसगढ़ से भी हजारों की संख्या में लोग दिल्ली जायेगे
स्पेशल ट्रेन भी 2 सितम्बर को रवाना होगी
रायपुर/25 अगस्त 2022। केंद्र की मोदी सरकार की मुनाफाखोर वाली नीति और कुप्रबंधन के कारण देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देशभर में महंगाई के खिलाफ आंदोलनरत है। देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आगामी 4 सितम्बर कांग्रेस विशाल विरोध आंदोलन कर मंहगाई के खिलाफ जनता की आवाज बुलंद करेगी छत्तीसगढ़ से भी 3हजार से अधिक कांग्रेस के कार्यकर्ता स्पेशल ट्रेन हवाई जहाज और अन्य साधनों से रैली में शामिल होने जायेगे।2014 में मोदी देश के युवाओं और आम लोगों को सपने दिखा रहे थे। अपने लगभग हर भाषण में वादा करते थे कि सत्ता में आते ही बेरोजगारी और महंगाई को खत्म कर देंगे। ‘‘बहुत हुई महंगाई की मार…!’’ जैसे नारों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही थी। आज उन्हें सत्ता में आए 8 साल से ज्यादा हो गए हैं लेकिन महंगाई और बेरोजगारी कम होने की बजाए आसमान छू रही है। मोदी की विफल आर्थिक नीतियों के कारण देश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है। बीते 14 महीनों से महंगाई दर दोहरे अंकों में है। पेट्रोल, डीजल, सीएनजी एवं रसोई गैस से लेकर अनाज, दालें, कुकिंग ऑयल जैसी जरूरी चीजों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। मोदी सरकार द्वारा आटा, चावल, दही, पनीर, शहद जैसी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से महंगाई और बढ़ी है। इस सरकार की बेशर्मी देखिए, बच्चों के लिये पेंसिल और शार्पनर से लेकर हॉस्पिटल बेड एवं शमशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी लगा दी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यदि यूपीए शासन काल से तुलना करें तो आज हर चीज की कीमत बेहिसाब बढ़ी हुई है। कुछ चीजों के दाम दोगुने से भी अधिक हो गए हैं। एलपीजी सिलेंडर वर्ष 2014 में 410 रू. प्रति सिलेंडर थी जो वर्ष 2022 में 1100 प्रति सिलेंडर कीमत में 166 प्रतिशत की वृद्धि, पेट्रोल 2014 में 71 रू. प्रति लीटर थी जो वर्ष 2022 में 100 रू. प्रति लीटर, कीमत में 40 प्रतिशत की वृद्धि, डीजल वर्ष 2014 में 57 रू. प्रति लीटर थी जो वर्ष 2022 में 95 रू. प्रति लीटर कीमत में 75 प्रतिशत की वृद्धि, सरसों तेल वर्ष 2014 में 90 रू. प्रति किलो थी, जो वर्ष 2022 में 200 रू. प्रति किलो कीमत में 122 प्रतिशत की वृद्धि, आटा वर्ष 2014 में 22 रू. प्रति किलो थी जो वर्ष 2022 में 35-40 रू. प्रति किलो कीमत में 81 प्रतिशत की वृद्धि, दूध वर्ष 2014 में 35 रू. प्रति लीटर थी जो 2022 में 60 रू. प्रति लीटर कीमत में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह सब्जियों की कीमतों में 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। नमक 41 प्रतिशत महंगा हुआ है। दालें 60-65 प्रतिशत तक महंगी हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कोई भी ऐसी चीज नहीं है जिसकी कीमत मोदी सरकार में न बढ़ी हो। मोदी सरकार महंगाई को तो नियंत्रित कर नहीं पा रही है उल्टा पहले से ही परेशान जनता पर टैक्स का बोझ डाल कर अपना खजाना भरने में लगी है। भाजपा के सत्ता में आने से पहले 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रू. प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रू. प्रति लीटर। मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर पेट्रोल पर 32.98 रू. प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रू. प्रति लीटर कर दिया। ये सरकार यूपीए की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर 186 प्रतिशत ज्यादा टैक्स वसूल रही है। 2021-22 में देश का कुल कर संग्रह भी 34 फीसदी बढ़कर 27.07 लाख करोड़ हो गया, जो बजट में लगाए गए 22.17 लाख करोड़ के अनुमान से 5 लाख करोड़ ज्यादा है। इसमें एक बड़ा हिस्सा जीएसटी का है। सरकार पहले ही जीएसटी से इतना पैसा कमा रही है फिर भी इसकी भूख शांत नहीं हो रही। अब आटा, दही, पनीर, जैसी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दी गई है।