September 29, 2024

MetroLink24

www.metrolink24.com

घोटुल में प्रियजनों को गिफ्ट में देते थे डिज़ाइनर कंघियाँ, खैरागढ़ की छात्रा ने उभारी घोटुल की सुंदर छवि

जब सोशल मीडिया नहीं था तब घोटुल में होती थी परिचर्चा बस्तर की छात्रा मुस्कान ने बस्तर की मिट्टी से ही चटाई में उकेरी घोटुल की कलाकृति

रायपुर। उस जमाने में जब सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था तब भी युवाओं में आपस में संवाद की इच्छा तो होती ही थी, एक दूसरे को जानने की इच्छा होती थी और इसके लिए घोटुल जैसे युवा ग्रह होते थे। जहां पर युवा आपस में परिचर्चा करते थे, संवाद करते थे। मैंने चटाई में चित्र के माध्यम से इसे उकेरा है। यह बात इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय में पढ़ रही बस्तर की छात्रा मुस्कान पारख ने बताई। मुस्कान ने कहा कि घोटुल के बारे में जानने के लिए वे बस्तर के गांव में गई। वहां कुछ दिन गुजारे यहां का लोकजीवन देखा। घोटुल के बारे में पूछा और तब इस चित्र की संकल्पना मन में आई।
बस्तर में दैनिक उपयोग में चटाई का बहुत उपयोग होता है। मैंने चटाई में ही इसे पेंट करने का निर्णय लिया। इसके लिए मैंने मिट्टी बस्तर से ही ली ताकि भित्ति चित्र का अनुभव भी दर्शकों को हो सके।
बस्तर में परंपरा है कि अपने प्रियजन को उपहार स्वरूप कंघी दिया करते थे और यह काफी डिज़ाइनर होती थी, कंघी जितनी सुंदर होगी उतना ही अच्छा उपहार माना जाएगा जैसे आज हम गुलाब देते हैं।
मुस्कान ने बताया कि बस्तर में चाहे शादी ब्याह हो चाहे किसी तरह का ट्रेडीशन हो चटाई का महत्व बहुत अधिक होता है।
मैंने स्थानीय वेश विन्यास देखा और लोगों के बातचीत करने के तरीके को देखा और इस चित्र का निर्माण किया।
स्थानीय कला को जीवित रखने और उसे समृद्ध करने की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप तैयार कराई गई इस आर्ट गैलरी से मुस्कान जैसी अनेक प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी समृद्ध संस्कृति को जानने का।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.