वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन का भव्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी सम्मेलन नई दिल्ली में सम्पन्न
1 min readनई दिल्ली। वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन द्वारा 4 सितंबर को एनडीएमसी कन्वेंशन सेन्टर, नई दिल्ली में आयोजित एक दिन का भव्य राष्ट्रीय सम्मेलन पंडित मांगे राम शर्मा (बाबू जी) चेयरमैन, पं. के सी पांडे राष्ट्रीय अध्यक्ष, पं. आर एस गोस्वामी वाइस चेयरमैन, पं. शशिकांत शर्मा राष्ट्रीय महासचिव, पं. शैलेश मेहता (एमएलए, गुजरात), पं. के पी शर्मा (जम्मू कश्मीर), पं. सुखबीर शर्मा, पं. (डाॅ) राधे श्याम शर्मा, पं. प्रदीप शर्मा, पं. एच एच पीवीएसएन सिम्हाया स्वामी, पीठ अद्वैत मंत्र राजम पीतम तिरुपति इत्यादि के कर कमलों, दीप प्रज्ज्वलित व श्रीनिवास संस्कृत विद्यापीठ के छात्रों द्वारा स्वस्ति वाचन कर, धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, विश्व का कल्याण हो, के उद्घोष से शुभारंभ किया गया।
वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन चेयरमैन पंडित मांगेराम शर्मा (बाबू जी) के कहा कि यह गंभीरता से चिंतन करने का विषय है कि ब्राह्मणों की क्या गति हो रही है ? ब्राह्मण कभी हारा नहीं, न ही उसे पछाडा जा सकता है, क्योंकि उसके पास वेद हैं । यह मंथन करें कि वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के क्रियाकलापों को विस्तार देकर किस प्रकार ब्राह्मणों का भला किया जा सकता है ? यह निर्णय लेकर असहाय व अभाव ग्रस्त ब्राह्मणों का उद्धार करें।
वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. के सी पांडे ने देश-विदेश में गठित सभी इकाइयों के उपस्थित पदाधिकारियों का परिचय कराया तथा कार्यकारिणी बैठक के एजेंडे तथा संगठन की नीतियों, उद्देश्यो, क्रियाकलापो व भविष्य की योजनाओं पर सारगर्भित प्रकाश डाला गया।
पं. के सी पांडे द्वारा अवगत कराया कि चेयरमेन पूज्य मांगेराम शर्मा द्वारा किए गए प्रयासों की बदोलत, अभी तक देश के नौ प्रदेशों में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना हो चुकी है।
आयोजन के इस अवसर पर, पं (डाॅ) राधेश्याम शर्मा, पं. आर एस गोस्वामी, पं शशिकांत शर्मा, पं. शैलेश मेहता (विधायक, गुजरात), पं. के पी शर्मा, पं. सुखबीर शर्मा, पं. प्रदीप शर्मा इत्यादि संगठन पदाधिकारियों द्वारा भी संगठन के क्रियाकलापो को विस्तार व गति देने पर विचार व्यक्त किए गए ।
वक्ताओ द्वारा देश की संसद व विधानसभाओ से आरक्षण को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में लंबित रिट याचिकाओ के बारे में अवगत कराया गया। न्याय मिलने में देरी होने पर, क्षोभ व्यक्त किया गया। पंचायत से लेकर संसद तक देश के सभी ब्राह्मणों को एकजुट होकर, अपनी शक्ति प्रदर्शन का आहवान किया गया। देश के गरीब ब्राह्मणों की सामाजिक सुरक्षा के लिए, कोष बनाने पर बल दिया गया।
उद्घघाटन सत्र समाप्ति के पश्चात देश के विभिन्न प्रांतों के मंचासीन प्रांताध्यक्षों, पं. सुनील कुमार गोस्वामी (असम), पं. जिले सिंह पिछोलिया (हरियाणा), पं. अरविन्द ओझा (छत्तीसगढ़), पं राजीव कुमार (झारखंड), पं. के के शर्मा (पंजाब), पं कृष्ण मूर्ति (आंध्र प्रदेश), पं. आर के पांडे (ब्रज नगरी), पं बलवीर शर्मा (दिल्ली) इत्यादि इत्यादि द्वारा, अपने-अपने राज्यो में संगठन व ब्राह्मणों के हितार्थ किए जा रहे कार्यो व भविष्य की योजनाओ पर प्रकाश डाला गया।
इस राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक में छत्तीसगढ़ की ओर से प्रांताध्यक्ष अरविन्द ओझा के साथ, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुणानिधि मिश्रा एवं महासचिव सुनील ओझा भी उपस्थित रहे। प्रांताध्यक्ष अरविन्द ओझा ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ ईकाई के वर्तमान कार्यकलाप व भविष्य को योजनाओं को विस्तार से बताया तथा राष्ट्रीय चेयरमेन मांगेराम शर्मा सहित राष्ट्रीय पदाधिकारियों को छत्तीसगढ़ के आगामी आयोजन हेतु आमंत्रित किया ।
आयोजन के युवा सत्र में ‘यूथ विंग’ राष्ट्रीय अध्यक्ष, प.अंबर स्वामी व राष्ट्रीय महासचिव पं. मनोज गौतम के साथ-साथ, अन्य प्रांत के युवा अध्यक्षों में पं. राहुल भारद्वाज, पं. (डाॅ ) अनिल भारद्वाज, पं. कल्याण शर्मा, पं. कुमार दक्षीस, पं. जयंत शर्मा, पं. नेहा शर्मा, पं. गौरव शर्मा, पं. राजीव शर्मा, पं. संदीप मुद्गल, पं. संदीप तिवारी, पं. श्याम कोशिक इत्यादि द्वारा राष्ट्रीय फलक पर संगठन को मजबूत दिशा देने हेतु गहन मंथन किया गया। संगठन के उद्देश्यो, क्रियाकलापो व भविष्य की योजनाओं को बढ़-चढ़ कर आगे बढ़ाने पर युवा वक्ताओ द्वारा राय प्रकट की गई।
कार्यसमिति समापन से पूर्व, पं के सी पांडे द्वारा, राष्ट्रीय फलक पर ब्राह्मणों का परचम लहराने का आहवान किया गया एवं आयोजित विभिन्न सत्रों पर निष्कर्ष व्यक्त किया गया।
आयोजित विभिन्न सत्रों के बीच- बीच मे ‘भगवान परशुराम की जय’ तथा ‘जो ब्राह्मण का सम्मान करेगा, वो देश में राज करेगा’ का उदघोष गूंजता रहा। पं. मांगेराम शर्मा (बाबू जी), पं. के सी पांडे सहित सभी राष्ट्रीय कार्यकारिणी पदाधिकारियों का, देश के विभिन्न राज्य संगठनों द्वारा अंगवस्त्र ओढ़ा कर, पुष्प गुच्छ व भगवान परशुराम का परसा भेंट कर, सम्मानित किया गया ।
मंच संचालन पं. रवीश जी, पं. शशिकांत शर्मा, पं. के पी शर्मा द्वारा प्रभावशाली अंदाज में किया गया।