अध्यक्ष, प्रभारी और कार्यकारणी बदल कर भाजपा जनता को फिर धोखा नहीं दे पायेगी-कांग्रेस
1 min readरायपुर() भाजपा में बदलाव की बयार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हर संगठन समय-समय पर अपने अंदर बदलाव करता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपने 15 साल के भ्रष्टाचारी चेहरो को छुपाने के लिये ऊपर से नीचे तक बदलाव की कवायद में लगी है। भाजपा सोचती है बदलाव से उसके भ्रष्टाचारी चेहरे ढक जायेंगे लेकिन 15 साल में भाजपा में एक भी छोटा-बड़ा नेता नहीं बचा जिसके दामन में दाग नहीं हो। 2018 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद लगातार जनता का भरोसा खोती जा रही है। चार उपचुनाव नगरीय निकाय के दो चरण, पंचायत चुनाव में जनता ने भाजपा को नकार दिया। भाजपा ने हर चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष बदला तीन प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और दो प्रभारी तथा दो बार प्रदेश कार्यकारणी बदला गया। भाजपा को अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं की क्षमता पर भरोसा नहीं रहा, वह किसी को भी जिम्मेदारी देने के बाद उन पर भरोसा नहीं जता पा रही है। भाजपा सोचती है वह नेताओं के चेहरो को बदलकर अपने 15 सालो के पापों से जनता का ध्यान हटा लेगी तो वह मुगालते में है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की सारी कवायद फिजूल साबित होने वाली है, क्योंकि जनता की वायदा खिलाफी भ्रष्टाचार को भूली नहीं है। इन नये चेहरो की डोर उन्हीं लोगों के हाथों में है जो 15 साल तक राज्य की जनता का शोषण करते रहे है। भाजपा ने 15 साल के कुशासन के बाद कांग्रेस सरकार के रूप में एक जनकल्याणकारी सरकार बनाया है जो राज्य के हर वर्ग के लिये योजना बना कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा कार्यकारणी का बदलाव कर अपने जनता के दिये गये धोखे पर पर्दा नहीं डाल सकती। जनता भूली नहीं है 2003 में भाजपा ने हर बेरोजगार युवा को 500 बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा किया था, हर आदिवासी को 10 लीटर वाली जर्सी गाय देने का वायदा किया था, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी देने का वायदा भी भाजपा ने किया था लेकिन इन वायदों को तीन बार सरकार बनाने के बाद भी पूरा नहीं किया था। 2008 के चुनाव में भाजपा ने किसानों को पूरे पांच साल 200 रु बोनस देने का वायदा किया लेकिन एक साल के बाद नहीं दिया, अकेले 2008 से 2013 के बीच 3880 करोड़ रु धान के बोनस का पैसा जो वायदा किया था भाजपा ने नहीं दिया था। 2013 के चुनाव में भी भाजपा ने धान की कीमत 2100 देने का वायदा किया और 300 रु बोनस पूरे पांच साल देने की बात कही, साथ ही किसान के द्वारा पैदा किये एक-एक दाना धान खरीदी का वचन भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में दिया था सरकार बनाने के बाद भाजपा भूल गयी।