December 24, 2024

MetroLink24

www.metrolink24.com

अपने शासन के वर्षों में कांग्रेस ने जनजाति समूहों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा क्यों ? : भाजपा

स्वतंत्रता प्राप्ति के इन 75 वर्षों में लगभग 55 वर्षों तक पंच से लेकर पार्लियामेंट तक कांग्रेस का कब्जा रहा। अपने शासन के इन वर्षों में कांग्रेस ने जनजाति समूहों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा क्यों?

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम, प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर, पिंकी शाह, एमडी ठाकुर, झगेश्वर धु्रव ने राज्य के 12 जाति समूहों की अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस उपलब्धि के लिए इन जाति समूहों को बधाई दी तथा इन जाति समूहों को मामूली तकनीकि त्रुटियों के कारण आदिवासी हितलाभ से वंचित रखे जाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं। केंद्र सरकार के हर अच्छे निर्णय के लिए अपनी पीठ थपथपा लेते हैं।

अब केंद्र सरकार ने भाजपा की पहल पर छत्तीसगढ़ के एक दर्जन जाति समुदाय को उनका वह अधिकार दिया है, जो कांग्रेस मिलने नहीं दे रही थी, तब भी भूपेश बघेल इसका जबरिया श्रेय लेने की प्रवृत्ति दिखाने से नहीं चूक रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्होंने चिट्ठी लिखी थी।

कमाल की बात है कि उनकी एक चिट्ठी पर छत्तीसगढ़ के वंचित जनजाति समूहों को प्रधानमंत्री ने वाजिब हक दे दिया। भूपेश बघेल उस समय कहां थे, जब मां बेटे की सरकार चल रही थी। तब डॉ मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर क्यों इन जनजातियों को उनका अधिकार नहीं दिला दिया?

भूपेश बघेल को मुफ्त में यश लूटने की कोशिश करने की बजाय इन आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि कांग्रेस ने उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा। दशकों तक इनका शोषण किया। अगर ऐसा नहीं होता तो अब तक ये काफी विकसित हो चुके होते। कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति करती है।

कांग्रेस आदिवासी समाज का शोषण करती रही है और भाजपा आदिवासी समाज के हितों की रक्षा करना और सम्मान देना जानती है। ये वही भूपेश बघेल हैं जो आदिवासी राष्ट्रपति नहीं चाहते थे। ये वही कांग्रेस है जो आदिवासी महिला राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहकर आदिवासी समाज का अपमान करती है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि भूपेश बघेल बतायें कि चिट्ठी लिखने के अलावा उन्होंने और क्या कुछ किया है? क्या कभी प्रधानमंत्री से मिलकर इन जनजातियों को उनका अधिकार देने आग्रह किया? वे बतायें कि कांग्रेस के किस प्रतिनिधिमंडल ने कभी प्रधानमंत्री से कोई भेंट की? भूपेश बघेल तो हर बात पर चिट्ठी लिख देते हैं लेकिन उनका कच्चा चिट्ठा यह है कि वे पेसा कानून का मसौदा बदलकर आदिवासी समाज से छल कर रहे हैं।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समूहों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2020 में भाजपा सांसदों और नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री एवं विभागीय मंत्री से मुलाकात कर इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग के साथ ही तथ्यों से अवगत करा दिया था।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अरूण साव जी, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह जी, सांसद गोमती साय जी तथा छत्तीसगढ़ जनजाति समुदाय के भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से भेंट और पत्राचार के माध्यम से प्रयास किये। भाजपा के आदिवासी नेता लगातार प्रयास करते रहे। श्री साय ने कहा कि उन्होंने भी सभी भाजपा नेताओं के साथ प्रयास किया। हम लोगों के आग्रह को प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने स्वीकार किया।

कांग्रेस की निर्लज्ज सरकार ने आदिवासियों को छलने के बाद फरवरी 2021 की चिट्ठी का जिक्र करते हुए बेशर्मी से श्रेय लेने का प्रयास किया है। उन्होंने यह बताना चाहा कि भयंकर कोरोना काल के पहली लहर के बाद 2020 में ही प्रदेश के भाजपा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जून मूंडा से भेंट किया था। अतः झूठा श्रेय लेने के बजाय भूपेश सरकार अपने पापों का प्रायश्चित करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.