December 24, 2024

MetroLink24

www.metrolink24.com

विटामिन और प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार की दी गई सीख

रायपुर 25 सितंबर 2022, प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में वीर शिवाजी वार्ड की आंगनबाड़ियों द्वारा साहू भवन में एक एकीकृत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान लोगों को विटामिन और प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार के विषय में जागरूक किया गया। साथ ही सुपोषित छत्तीसगढ़ का संदेश भी दिया गया ।
एकीकृत कार्यक्रम के अंतर्गत हुयी गोद भराई कार्यक्रम की लाभार्थी बिमला साहू कहती हैं: “गोद भराई के दौरान मुझे यहां जानकारी मिली कि स्वस्थ बच्चे के लिए नियमित रूप से पौष्टिक आहार का सेवन करना अत्यंत आवश्यक है साथ ही प्रसव पूर्व समस्त जांच भी जरूरी है जो शासकीय अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध होती है। गर्भकाल के समय किसी भी प्रकार की समस्या आने पर मितानिन दीदी या आंगनबाड़ी दीदी से संपर्क किया जा सकता है।’’
अन्नप्राशन के लिए पहुंची सुनैना साहू ने बताया: “कार्यक्रम के दौरान जानकारी मिली कि किस प्रकार से बच्चे की देखरेख करनी है। साथ ही 6 माह पूर्ण होने पर किस प्रकार के आहार को बच्चे को खिलाना है। आंगनबाड़ी दीदी ने समझाया 6 माह बाद भी नियमित रुप से बच्चे को स्तनपान कराते रहना है।“
वहीँ इस मौके पर किशोरियों ने हाथों में मेहंदी लगाकर “सही पोषण देश रोशन’’ का संदेश दिया। साथ ही कार्यक्रम के दौरान सही पोषण की सीख भी मिली। संजू साहू कहती है: “मैंने जाना कि किशोरावस्था में किस प्रकार का भोजन करने से शरीर स्वस्थ रहता है। किशोरावस्था में शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है जिसके लिए पौष्टिक और विटामिन युक्त भोजन करने से इन कमियों को पूरा किया जा सकता है।’’
एकीकृत कार्यक्रम की जानकारी देते हुए स्टेशन रोड सेक्टर की पर्यवेक्षक, पंखुड़ी मिश्रा ने बताया: “वीर शिवाजी वार्ड की आंगनबाड़ी केंद्रों को एकीकृत कर साहू भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में 5 बच्चों का अन्नप्राशन, 5 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई, किशोरियों ने पोषण आहार जागरूकता संबंधी रंगोली का निर्माण किया। वहीं बीस किशोरियों ने मेहंदी लगाकर ‘सही पोषण देश रोशन’ का संदेश भी दिया। आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के बीच फैंसी ड्रेस का कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर पोषण आहार का भी प्रदर्शन किया गया ताकि लोगों को यह संदेश जाए कि पोषण आहार किन किन चीजों से मिलता है। अनाज की रंगोली के माध्यम से पोषाहार का संदेश भी दिया गया।“
उन्होंने आगे बताया: “बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन के बारे में भी जानकारी दी गई। रेडी टू ईट से निर्मित व्यंजनों में मुख्य रूप से इडली, बड़ा, बर्फी, पिज्जा, जलेबी, पूड़ी, भजिया, लड्डू, खूरमी आदि व्यंजनों के साथ फल में केला, अनार, सीताफल, सेब और पौष्टिक सब्जी के अंतर्गत भिंडी, टमाटर, आलू, सोयाबड़ी, दाल के साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन एवं पौष्टिक आहार का प्रदर्शन किया गया।“
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पार्षद श्रीमती गोदावरी साहू ने कहा : “सभी पालकों को प्रोटीन, विटामिन युक्त पौष्टिक आहार लेना चाहिए। बच्चे को स्वस्थ बनाने के लिए पौष्टिक आहार के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर बीमारी से सुरक्षा के लिए निशुल्क टीके एवं विटामिन की खुराक पिलाई जाने का कार्यक्रम चलता है। वहाँ पर नियमित रूप से जा कर बच्चों का टीकाकरण और विटामिन की खुराक दिलवाना चाहिए ताकि कोई बच्चा कुपोषित न रहे।“
इस अवसर पर पूर्व पार्षद मोहन उपारकर ने कहा : “राष्ट्रीय पोषण माह अभियान कुपोषण और एनीमिया में कमी लाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। इस दौरान पोषण के साथ साथ स्वच्छता के बारे में भी बताया जा रहा है। आहार में पौष्टिक भोजन को बढ़ाने के लिए बाजरा, दाल, गेहूं, मूंग, दूध, घी, अंडा आदि सब्जी और फलों को उपयोग करने के बारे में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।“
बच्चों के व्यवहार के बारे में पूर्व प्राचार्य बंशीधर साहू ने कहा : “बच्चों की प्रथम पाठशाला मां होती है मां का स्वस्थ रहेगी तो बच्चे भी स्वस्थ रहेंगे। माता को चाहिए खुद भी पौष्टिक भोजन ले और बच्चों को भी दें। बच्चों के मानसिक विकास और शारीरिक विकास के लिए पौष्टिक आहार बच्चे को दें। नियमित रूप से स्तनपान कराएं साथ ही डिब्बा बंद दूध और बोतल से दूध ना पिलाएं। बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास में मां का दूध बहुत उपयोगी होता है।“
इस अवसर पर स्थानीय पार्षद श्रीमती गोदावरी साहू, पूर्व पार्षद मोहन उपारकर, पूर्व प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खमतराई, बंशीधर साहू उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.