December 26, 2024

MetroLink24

www.metrolink24.com

छत्तीसगढ़ माधवराव सप्रे की कर्मभूमि है,उनकी पत्रकारिता हमारी प्रेरणाश्रोत है- राजेश बादल

1 min read

माधवराव सप्रे सम्मान से सम्मानित किए गए पेण्ड्रा के शरद अग्रवाल

विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय योगदान हेतु सम्मानित हुईं सामाजिक विभूतियां

चांपा। चांपा, बिलासपुर, रायपुर छत्तीसगढ़ की वह पवित्र भूमि है जिसको पंडित माधवराव सप्रे जी ने अपनी कर्मभूमि बनाया और जो पत्रकारिता की वह आज हम सबके लिए प्रेरणाश्रोत है।
आज के दौर में महात्मा गांधी वाली पत्रकारिता करने की आवश्यकता है। 1919 में अखबार निकालकर उन्होने अंग्रेजो के बनाए कानूनों , दमनात्मक कृत्यों को सामने लाने का साहस किया। जबकि उस दौर मे अंग्रेजी हुकूमत की सहमति बिना अखबार निकालना और समाचार छापना पूर्णतया प्रतिबंधित था। महात्मा गांधी के एक पूर्णकालिक पेशेवर पत्रकार थे, उन्होने सच को सामने लाने का काम किया, उनके अहिंसात्मक आंदोलन से भारत को आजादी मिली । उक्त बातें छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के तत्वावधान में आयोजित प्रादेशिक कार्यशाला एवं सम्मान समारोह में देश के ख्यातिनाम वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने अपने व्याख्यान मे कहीं। इस अवसर पर पत्रकारिता क्षेत्र में सराहनीय उत्कृष्ठ कार्य करने वाले पेण्ड्रा के पत्रकार शरद अग्रवाल को माधवराव सप्रे सम्मान-2023 से सम्मानित किया गया। ज्ञात हो पेण्ड्रा माधवराव सप्रे जी की वह कर्मभूमि है जहां से उन्होने अखबार का प्रकाशन किया था। उनकी कर्मभूमि के ही कर्मशील युवा पत्रकार को प्रथम सम्मान से नवाजा गया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले ११ सामाजिक विभूतियों को भी संघ द्वारा सम्मानित किया गया।
माधवराव सप्रे समाचार संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल के संस्थापक पद्यश्री विजय दत्त श्रीधर इस आयोजन मे स्वास्थ्यगत कारणों से न आ सके उनके द्वारा भेजा गया वीडियो संदेश कार्यक्रम के दौरान प्रोजेक्टर के जरिए मौजूद पत्रकारों को दिखाया गया। पद्यश्री विजय दत्त श्रीधर ने अपने संदेश में पत्रकारिता के अतीत, वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। साथ ही अपने पत्रकारिता अनुभव से भी पत्रकारों को रूबरू कराया, जिसका लाभ निश्चित तौर पर पत्रकारों को अवश्य मिलेगा।
राजेश बादल जी ने अपने पत्रकारिता जीवन के संघर्षों को साझा करते हुए बताया कि निष्पक्ष पत्रकारिता करने के उन्होने क्या क्या मूल्य चुकाए हैं। क़ई बार नौकरी से निकाले गए, खाने के साथ जीवनोपार्जन के लाले पड़ गए, पर उन्होने कभी हार नही मानी। उस कठिन दौर में रमेश नैय्यर जी देवदूत बनकर आए ।उन्होने सतीश जायसवाल जी भी अपना मददगार बताया। ऐसे फरिश्ते छत्तीसगढ़ की धरती में पैदा हुए हैं। सतीश जायसवाल जी के संवेदनशील और उदारभाव को उन्होने सराहा।
गणेश शंकर विद्यार्थी, भगत सिंह ने अपने अल्पकालिक जीवन में जो पत्रकारिता की वह मैं पैंतालीस साल की पत्रकारिता करते हुए नही कर पाया।
हम आप अब वह पत्रकार नही रहे जो कभी दबाव के आगे झुकते नही थे। आज अपनी जरूरतों के आगे नतमस्तक हो जाते हैं। उन्होने समाज के हर वर्ग से कटाक्ष करते हुए कहा आज केवल पत्रकारों से ही क्यों ईमानदारी की उम्मीद की जाती है। हममें से ही चुने गए आईएएस, इंजीनियर, डाक्टर, सरकारी कर्मचारियों ,व्यापारियों से कोई इमानदारी की बात नही करता। हिंदुस्तान की पत्रकारिता इसलिए फल फूल रही है क्योंकि इसकी असल आत्मा गांव और कस्बों में बसती है। शहरी क्षेत्रों की पत्रकारिता को कभी राष्ट्रीय पत्रकारिता नही कहा जा सकता है। किसी देश या समाज के किसी आखिरी छोर से सामाजिक बड़े आदमी की आवाज या आत्मा समाचारों मे नही झलकती तबतक पत्रकारिता अधूरी है।
छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ ने अपने आयोजनों में पत्रकारिता की आत्मा को संरक्षित करने का जो बीड़ा उठाया है मै उसकी सराहना करता हूँ। चांपा के आज के आयोजन वह झलकता भी है, मै बहुत प्रभावित और प्रसन्न हूं।
वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी ने अपने ओजस्वी संबोधन में पत्रकारों से पत्रकारिता पेशा चुनने पर कटाक्ष करते हुए सवालिया प्रश्नचिन्ह खड़ा किया और कहा जब आप इस पेशे को अपना लिए है तो इसकी तकलीफों और समाज के उत्तरदायित्वों को अपनाने मे कुरेज क्यों। यह कोई नौकरी या व्यापार नही है, जिससे आप मुनाफे की उम्मीद रखें। यह एक जुनून भरा पेशा है जिसे पूरी तन्मयता एवं निष्पक्ष भाव से आत्मसात करना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार सतीश जायसवाल जी ने अपने पचपन साल से भी अधिक पत्रकारिता जीवन के अनुभवों से पत्रकारिता की बारीखियों से उपस्थित पत्रकार साथियों को रुबरु कराया।
एमपी वर्किग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा और वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष निशांत कांबले ने उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए
अपने अपने राज्यों में शासन द्वारा दी जा रही योजनाओं सहित पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं को साझा किया।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डा. शाहिद अली ने पत्रकारिता के गुणों और विधा से सभी पत्रकारों का ज्ञानवर्धन किया।
उड़ीसा के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डा सुशील दाहिमा का आडियों संदेश भी पत्रकारों को सुनाया गया। जिसमे उन्होने पत्रकारिता की विधा से सबको परिचित कराया।
छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ जांजगीर चांपा जिला इकाई के बैनर तले आयोजित प्रादेशिक पत्रकार सम्मेलन, कार्यशाला एवं सम्मान समारोह में देश भर के पत्रकारों का अद्भूत संगम हुआ । जिले में लंबे अंतराल के बाद देश भर के जाने माने पत्रकारों का अद्भूत संगम हुआ। जिला, प्रदेश व देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए बड़ी संख्या में पत्रकारों की उपस्थिति ही गरिमामयी कार्यक्रम की सफलता है। चांपा के हॉटल रंगमहल में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती, माधवराव सप्रे, गणेश शंकर विद्यार्थी, स्व. रमेश नैय्यर व स्व. योगराज भाटिया के चित्र पर पूजा अर्चना और माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद मंचस्थ वरिष्ठ पत्रकारों का प्रदेश अध्यक्ष राज गोस्वामी, जिलाध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक कमल पाटीदार, चंकी तिवारी व राज सिंह चौहान ने पुष्प माला से स्वागत किया। मंचस्थ पत्रकारों का मान पत्र के साथ ही शॉल, श्रीफल से सम्मान किया गया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राज गोस्वामी ने स्वागत भाषण दिया। इसके बाद देश भर से आए वरिष्ठ पत्रकारों ने जिला सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए पत्रकारों के समक्ष न केवल अपना अनुभव साझा किया, बल्कि अपने ओजस्वी भाषण और महत्पूर्ण जानकारियों से उपस्थित पत्रकारों में नवउर्जा का संचार किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र के दौरान कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारों के कई शंकाओं का वरिष्ठ पत्रकारों ने समाधान बताया। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन चांपा के वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार डॉ. रमाकांत सोनी ने गरिमामय इस कार्यक्रम को सफल बनाने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंचस्थ अतिथयों को स्मृति चिन्ह भेट किया गया। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहें। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आकाशवाणी बिलासपुर के महेन्द्र कुमार साहू जी, ठाकुर बलदेव सिह, के के शर्मा, युवराज सिंह आजाद, अशोक पण्डा, राजीव मिश्रा, कृष्णकुमार सिंह, रामचरित द्विवेदी, उत्तम तिवारी, सुचित्रा ठाकुर, लक्ष्मि शर्मा, हिमांशु सिंह, विनय पाठक, देवेन्द्र चंद्रवंशी, शरद अग्रवाल, आकाश सिंह पवार, रतन केशरवानी, विपत सारथी, अनमोल केशरवानी, अक्षत केशरवानी, श्यामलाल रजक, आशु चंद्रवंशी, संदीप सिंह ठाकुर, अभिषेक सेमर, अब्दुल असलम, दादू मनहर, शिव कुमार तिवारी, प्रमेन्द्र शर्मा, संजय यादव, कोमल शुक्ला, सीताराम नायक, प्रशांत सिंह, विनोद चौरसिया, कैलाश कश्यप, रमेश कश्यप, प्रकाश रात्रे, अरूण गबेल, गोपाल भाई सहित बहुतायत में पत्रकार साथी उपस्थित थे।

सामाजिक विभूतियों का हुआ सम्मान

छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के इस गरिमामयी कार्यक्रम में जिन विभूतियों का सम्मान हुआ, उनमें कमरीद से रामकृष्ण वैष्णव का नाम शामिल है। इनका पूरा जीवन शिक्षादान के लिए समर्पित है। इसी तरह जरूरतमंदों की सेवा के लिए सदैव उपलब्ध रहने डॉ. अनिल जगत, निर्धन कन्याओं का अपने खर्च में विवाह कराने वाले बलौदा के माधव सराफ, अपनी पुश्तैनी जमीन को बेचकर समाजसेवा करने वाले अफरीद के केशव सिंह राठौर, पक्षी संरक्षक दीपक तिवारी, महाकाल की रसोई के जरिए भूखों को भोजन कराने वाली जांजगीर की पूजा तिवारी, हिन्दी व छत्तीसगढ़ी साहित्य की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले चांपा के वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार डॉ. रमाकांत सोनी, हितग्राहियों को निःस्वार्थ भाव से शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने वाली चांपा की केरोलीन भेंगरा, पौधरोपण व उनके संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले चांपा के अशोक विश्वकर्मा, जरूरतमंदों की सेवा करने वाले जांजगीर के दीपक यादव, प्यासों की प्यास बुझाने वाले नैला जांजगीर के गोविंद सोनी का अतिथियों ने शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह से सम्मान किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.