केंद्रीय जांच एजेंसियां मोदी सरकार की राजनैतिक विरोधियों के दमन का हथियार बन चुकी है -कांग्रेस
1 min readरायपुर/03 मार्च 2023। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां मोदी सरकार की राजनैतिक विरोधियों के दमन का हथियार बन चुकी है। विपक्ष की आवाज दबाना तथा अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने मोदी सरकार किसी भी हद तक गिर सकती है। मीडिया जब छापती है तो केंद्रीय एजेंसियों से छापा मरवाते है, संसद में विपक्ष को बोलने नहीं देते, न्यायपालिका को सार्वजनिक तौर पर प्रेस वार्ता करने पर मजबूर करते है, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स को आपने कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के खिलाफ फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन बना रखा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले 9 सालों में सीबीआई, आईटी और ईडी की छापेमारी का सबसे प्रमुख कारण राजनैतिक बदला भांजना रहा है। पहले केंद्रीय जांच एजेंसियां अपराध रोकने, कर अपवचन रोकने कार्यवाही करती थी मोदी राज में जांच एजेंसियां विरोधियों को फंसाने उनको बदनाम करने षड़यंत्र करती है झूठा केस बनाती है। ईडी ने पिछले 8 सालो में 3010 छापे मारे है। जिनमें से 95 प्रतिशत गौर करें-कांग्रेस (24), टीएमसी (19), एनसीपी (11), शिवसेना (8), डीएमके (6), बीजद (6), राजद (6), बीएसपी (5), एसपी (5), टीडीपी (5), इनेलो (3), वाईएसआरसीपी (3), सीपीएम (2), एनसी (2), पीडीपी (2), इंडस्ट्रीज (2), AIADMK (1), MNS (1), SBSP (1)। यह छापे इस बात का प्रमाण है कि भाजपा जब राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पाती तो वह ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने देश भर में अपने मुखर विरोधी राज्य सरकारों के खिलाफ ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग किया है। विरोधी दलों की सरकारों को प्रताड़ित करने का काम किया है। पं. बंगाल में तृणमूल की ममता बेनर्जी, झारखंड हेमंत सोरेन सरकार, दिल्ली के केजरीवाल के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया, पंजाब की पूर्व कांग्रेस की चन्नी सरकार जैसे अनेकों उदाहरण जहां पर भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से भय और आतंक फैलाने का प्रयास किया है। छत्तीसगढ़ में की गयी ईडी की कार्यवाही भी भाजपा के उन्हीं षड़यंत्रों का हिस्सा है।