हिन्दुस्तान जिंक की ‘सखी‘ लीडर्स फॉर सोशल चेंज अवार्ड से सम्मानित
1 min readदिल्ली(PR Kumbh) : ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण एवं महिला अधिकारिता की हिन्दुस्तान जिंक की पहल ‘सखी‘ को लीडर्स फॉर चेंज अवार्ड से सम्मानित किया गया है। हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर प्रमुख अनुपम निधि के साथ सीएसआर टीम से वैभवी ने सखी की प्रमुख फैडरेशन लीडर विजय श्रीजी एवं समूह लीडर रजनी के साथ नई दिल्ली में इंडिया इम्पेक्ट सम्मिट में यह अवार्ड प्राप्त किया। कॉर्पोरेट चेंजमेकर्स को सशक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर सोशियो स्टोरी ने इस अवार्ड लीडर्स फॉर सोशल चेंज की स्थापना की ताकि वे अपने विकास लक्ष्य को शामिल करके अपनी प्रेरक कहानियां दुनिया के साथ साझा कर सकें। हिन्दुस्तान जिंक की इस पहल सखी करीब दस लाख लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर कंपनी के सस्टेनेबल लक्ष्य का हिस्सा बनी है।
अवार्ड के विजेता का निर्धारण पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन के निश्चित मापदंड के आधार पर खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये किया गया था। यह अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और अखंडता, स्पष्टता और सस्टेनेबल लांग टर्म विकास और उसके सिद्धांतों पर आधारित था। ज्यूरी का उद्देश्य उल्लेखनीय सीएसआर परियोजनाओं को सामने लाना था जिन्होंने समुदाय में खासा योगदान दिया है।
सखी ने हिन्दुस्तान जिंक के संचालन और परिचालन क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बदलने में अपनी महती भूमिका निभाई है। सखी का उद्देश्य स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के रूप में महिलाओं को संगठित करना, उनके नेतृत्व को मजबूत करना, कौशल विकास में तेजी लाना और उनकी उद्यमशीलता को आगे लाकर आत्मनिर्भर बनाना रहा है। इसके तहत अभी 2248 एसएचजी, 207 ग्रामस्तरीय संगठन, 7 फैडरेशन शामिल हैं जिसमें कुल 27 हजार 517 महिलाएं सदस्य हैं। विभिन्न प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, नेतृत्व कौशल के कार्यक्रमों के माध्यम से 500 महिलाओं को भविष्य के नेता के रूप में तैयार किया गया है। सखी ने 9 उत्पाद केन्द्र भी स्थापित किए हैं जहां से करीब 43.47 लाख का टर्नओवर होता है। कंपनी ने अपना पहला ‘सखी हाट‘ भी लांच किया था जो जिंक की सखी महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों द्वारा विकसित एक आधुनिक बाजार है। सखी हाट ऐसी अनूठी पहल है जो ग्रामीण महिलाओं को अपने हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन और उनकी मार्केटिंग करने में सक्षम बनाती है। इसका उद्देश्य उनकी उद्य़मिता कौशल को बढ़ाना, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से महिलाओं के समुदाय का निर्माण करना है।
कोविड-19 के कारण आई महामारी के दौरान सखी सदस्याओं ने भोजन और अन्य आवश्यकताओं के साथ अधिक प्रभावित आबादी तक पहुंचने के लिए कंपनी के प्रयासों का साथ दिया। कुल 3269 सखी सदस्यों ने करीब दस हजार किलो अनाज एकत्र कर अनाज बैंक की स्थापना की और इसके माध्यम से दक्षिण राजस्थान के गांवों में वंचित लोगों तक भाजन पहुंचाया। सखी द्वारा एक सामुदायिक रसोई भी स्थापित की गई जहां से सात हजार से अधिक श्रमिकों, प्रवासियों तक खाना पहुंचाया गया। इस महामारी के कठिन समय के दौरान भी सखी सदस्याएं गांवों में निर्मित उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय काम कर रही थी। सखी सदस्याओं ने हाथों से सिले हुए 2.5 लाख मास्क, 1 लाख पीपीई किट और फोगिंग के लिए 25 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइट का घोल जिला प्रशासन को उपलब्ध कराकर महामारी से लड़ने में अपना योगदान दिया।