161वां आयकर दिवस: राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक यात्रा
1 min readनई दिल्ली : केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और देशभर में इसके सभी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा आज आयकर दिवस की 161वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस क्रम में, कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। आयकर विभाग की एकजुटता, क्षमता, सहयोग और रचनात्मक जुड़ाव की भावना को दर्शाने वाली इन गतिविधियों में आईसीएआई की क्षेत्रीय इकाइयों, व्यापार संघों आदि समेत बाहरी हितधारकों के साथ वेबिनार, वृक्षारोपण अभियान, टीकाकरण शिविर, कोविड-19 राहत के लिए काम करने वाले अधिकारियों को प्रशंसा पत्र जारी करना और अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोविड-19 से जान गंवाने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों के परिवारों के साथ जुड़ना शामिल था।
आयकर विभाग को दिए अपने संदेश में, केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2014 के बाद से सरकार द्वारा किए गए सुधारों से जुड़े विभिन्न उपायों को सही भावना के साथ लागू करने में सफल रहने के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि अपने हिस्से के करों का कर्तव्यपूर्वक भुगतान करके देश की प्रगति में भागीदार बनने में ईमानदार करदाताओं का योगदान निश्चित रूप से मान्यता पाने का पात्र है। उन्होंने अपनी प्रणालियों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाने और विभाग के कामकाज को परेशानी मुक्त, निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में काम करना जारी रखने के लिए विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने इस महामारी के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के बावजूद अपने अनुपालन संबंधी दायित्वों का निर्वहन करने के लिए करदाताओं की सराहना की। अपने कर्तव्यों को निभाने के क्रम में इस महामारी से जान गंवाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हितों के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
अपने संदेश में, वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी ने राजस्व संग्रह और करों से जुड़ी नीतियों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू करने की दोहरी भूमिका में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रक्रियाओं और अनुपालन संबंधी जरूरतों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया है और करदाताओं के लिए आयकर कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत को समाप्त या बहुत कम कर दिया गया है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि करदाताओं के साथ पारस्परिक व्यवहार अब स्वैच्छिक अनुपालन पर अधिक निर्भर रहते हुए विश्वास एवं सम्मान की भावना पर आधारित है।
अपने संबोधन में, वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने प्रत्यक्ष करों को प्रशासित करने वाली एजेंसी के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए राष्ट्र की अपार सेवा करने के लिए आयकर विभाग की सराहना की। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि कर महज सरकार के लिए राजस्व का एक स्रोत भर नहीं हैं बल्कि कुछ निश्चित सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक प्रभावी साधन भी हैं, उन्होंने समय की जरूरतों के अनुरूप खुद को ढालने और मजबूत बनाने में सक्षम साबित होने के लिए विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विभाग निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित एक पेशेवर संगठन के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखेगा।
अपने संदेश में, राजस्व सचिव श्री तरुण बजाज ने आयकर विभाग को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अर्थव्यवस्था में हुए आकस्मिक परिवर्तनों के अनुरूप खुद को ढालने और कर संग्रह में एक अच्छी वृद्धि हासिल करने में समर्थ रहने के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने राजस्व संग्रह से संबंधित अपने दृष्टिकोण को नई दिशा देते हुए अपने कामकाज को विश्वास-आधारित और कर-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्य और अपने कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के लिए टीकाकरण शिविर आयोजित करने की दिशा में विभाग की क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
इस अवसर पर आयकर परिवार के सदस्यों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष श्री जे. बी. महापात्र ने उनके सामूहिक प्रयासों और राष्ट्र की राजस्व कमाने वाली शाखा एवं करदाता सेवाओं के प्रदाता के रूप में अपनी दोहरी भूमिका को कारगर ढंग से निभाने के लिए उनकी प्रशंसा की। ‘ईमानदार का सम्मान’, फेसलेस व्यवस्था और करदाताओं के चार्टर को अपनाने जैसे बड़े एवं दूरगामी नीतिगत उपायों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि इन पहलों ने विभागीय कामकाज को अधिक पारदर्शी, उद्देश्यपूर्ण एवं करदाताओं के अनुकूल बना दिया है। उन्होंने इस महामारी के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपनी जान गंवाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना भी व्यक्त की और कहा कि कर्तव्य के प्रति उनका समर्पण हमें विभाग को और भी अधिक प्रतिबद्ध, अधिक मानवीय, अधिक पेशेवर और एक अधिक कुशल संगठन बनाने के लिए प्रेरित करता है।