December 24, 2024

MetroLink24

www.metrolink24.com

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर विशेष लेख

1 min read

साक्षरता सशक्त समाज के निर्माण के लिए आवश्यक

 ललित चतुर्वेदी, उप संचालक

रायपुर, 07 सितंबर 2023/ अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस अक्षरों की अलख जगाने का दिन है, अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है। यह अक्षर ज्ञान के प्रकाश से समाज में सुख और समृद्धि फैलाने के संकल्प लेने का दिन है। अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है, जहां से ज्ञान के अनंत रास्ते खुलते हैं। साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है।

साक्षरता वह शक्ति है, जिससे हम बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। शिक्षा हमारे जीवन में बदलाव लाती है। शिक्षा की गुणवत्ता के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षकों के साथ पालक भी बच्चों की शिक्षा में योगदान दें। अशिक्षित पालकों को शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों को शिक्षित कर सकें। साक्षरता के लिए व्यक्तिगत रूचि और सामूहिक प्रयासों की बड़ी आवश्यकता है। व्यापक जनभागीदारी से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। मानव के सम्पूर्ण विकास के लिए साक्षरता बहुत महत्वपूर्ण है। यह समग्र रूप से सशक्त समाज के निर्माण के लिए आवश्यक साधन है। साक्षर समाज समानता, शांति और विकास का मूल आधार है। इसे विश्व स्तर पर मान्यता दी गई है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा वर्ष 2020 में विधानसभा में ‘पढ़ना लिखना अभियान’ की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम में 15 वर्ष से अधिक उम्र समूह के असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान प्रदान करने के लिए निर्धारित लक्ष्य ढाई लाख में से 2 लाख 22 हजार 477 शिक्षार्थियों को साक्षर किया गया। 25 हजार स्वयंसेवी शिक्षकों को मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्रदेश में कोरोना काल के दौरान असाक्षरों को निर्धारित समयावधि एवं आवश्यक पठन-पाठन कराकर शिक्षार्थियों के आंकलन हेतु महापरीक्षा अभियान का आयोजन किया गया। चिन्हांकित स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रशिक्षण उपरांत उनके माध्यम से विधिवत मोहल्ला साक्षरता केन्द्रों का संचालन किया गया। इसके लिए सर्वप्रथम जिलों में सर्वे के माध्यम से ढाई लाख असाक्षर और उन्हें पढ़ाने वाले 25 हजार स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन किया गया। पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करने लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 28 जिलों की 2 हजार 925 ग्राम पंचायतों और 121 नगरीय निकायों में इसका क्रियान्वयन किया गया।

वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता ‘गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम के तहत शहरी क्षेत्र के 14 से 60 वर्ष आयु समूह के डिजिटल (ई-शिक्षा) से वंचित असाक्षर व्यक्तियों को दक्ष बनाते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के 168 नगरीय निकायों में 55 ई-साक्षरता केन्द्र प्रारंभ किया गया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 10 हजार शिक्षार्थियों को डिजिटल साक्षर बनाया गया।

गौरतलब है कि यूनेस्को ने सन् 1966 में 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस दुनिया भर में ’संक्रमण में दुनिया के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण’ विषय के तहत मनाया जाएगा।

साक्षरता कार्यक्रम का उद्देश्य असाक्षरों को साक्षर कर जीवन की मुख्य धारा से जोड़ना है। शिक्षा से वंचित 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान कराने के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। बुनियादी साक्षरता प्राप्त करना, शिक्षा और जीविकोपार्जन का अवसर प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। इस कार्य के लिए नवाचारी उपायों, स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं पर आधारित साक्षरता कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप न सिर्फ समुदाय के वयस्कजनों की साक्षरता में वृद्धि होती है, बल्कि समुदाय में भी सभी बच्चों की शिक्षा के लिए मांग बढ़ती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा एवं जीवन पर्यन्त शिक्षा को प्राथमिकता प्रदान की गई है। देश में वर्ष 2022-27 के लिए न्यू इंडिया लिट्रेसी प्रोग्राम नामक एक नई योजना को मंजूरी दी गई है। अब देश में “प्रौढ़ शिक्षा“ शब्द को “सभी के लिए शिक्षा’’ के रूप में बदल दिया है। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष से नवभारत साक्षर कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है, जो पांच वर्षों तक संचालित किया जाएगा। इसमें प्रदेश के एक चौथाई शेष बचे असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम वर्ष प्रदेश में 5 लाख असाक्षरों को साक्षर कर उन्हें बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे – डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, विधिक साक्षरता, चुनावी साक्षरता, व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, जीवन पर्यन्त शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता आदि क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

राज्य में इस वर्ष 01 से 7 सितम्बर तक साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया गया। इस सप्ताह में सभी वर्गों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं में लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। साक्षरता सप्ताह के दौरान छत्तीसगढ़ी लोक गीत, लोक परंपरा एवं पारंपरिक खेलों के प्रति लोगों में अच्छा उत्साह दिखाई दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.