सफलता की कहानी
1 min readप्रधानमंत्री आवास योजना
मजदूरी करके जीवन में पक्का मकान नहीं बना सकते थे…फातिमा बेगम
मनेंद्रगढ़/13 फरवरी 2024/ मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की भरतपुर जनपद पंचायत के ग्राम रामगढ में 62 वर्षी वृध्दा फातिमा बेगम आज अपने बेटे यार मोहम्मद तथा बहू मदीना बानो के साथ रहती है। फातिमा प्रधानमंत्री आवास योजना से वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृति हुआ। स्वीकृति पश्चात् आवास की किस्त आयी तो उन्होंने दो कमरों का पक्का आवास हाल ही में पूरा कराया है। इसके साथ पक्का शौचालय भी बनाया है। फातिमा बेगम को समाज कल्याण विभाग से हर माह 350 रु की पेंशन तथा खाद्य विभाग के माध्यम से 1 रूपये किलो चावल भी मिल रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से स्वयं के लिए पक्के की आवास बनाने पर खुशी जाहिर करते हुये फातिमा ने कहा कि जीवन भर हम ने मजदूरी की और मेरे पति भी मजदूरी करते-करते मर गये। बेटा तथा बहू भी मजदूरी करते है। लेकिन हम बड़ी मुश्किल से अपने छोटे से कच्चे मकान में रहते थे। मजदूरी करके हम लोग जिंदगी में कभी पक्के का मकान नहीं बना सकते थे। हमने कभी सोचा भी नहीं था हमारा पक्के का मकान होगा। आकाश में बादल छाते ही हमारी धड़कने तेज हो जाती थी। कच्चे के मकान में जगह-जगह पानी टपकता था। पूरा फर्श गीला हो जाता था। कई बार तो सोने के लिये जगह ही नहीं बचती थी। आज आवास बनने से बरसात में पानी की समस्या से निजात मिल गया है। बहुत-बहुत भला हो प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री का जिन्होंने हमें पक्का मकान दिया। अब पक्के घर में चैन की नींद आती है। सरकार ने पक्का घर देकर बड़ा उपकार किया है।
फातिमा तो अब मेहनत का काम नहीं कर सकती है, पर परिवार की आय में योगदान देने के लिये वह चूड़ियां बेचकर अपना जीवन यापन कर रही है। बेटा-बहू मजदूरी पर जाते है। प्रधानमंत्री आवास ने फातिमा बेगम के जीवन सुखमय बना दिया है।